Indicators on Hindi kahani You Should Know
Indicators on Hindi kahani You Should Know
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लोग पटरियों पर कूड़ा फेंक देते और दीवार के सामने पेशाब भी करते थे, जिसके कारण वहां काफी बदबू आती थी। मुकेश को यह सब अच्छा नहीं लगता था।
पंडित जी ने प्रसाद में मिले चावल दाल और फलों को आंगन में रखा हुआ था। चिड़िया ने देखा और बच्चों के लिए अपने मुंह में ढेर सारा चावल रख लिया। और झटपट वहां से उड़ गई।
आज उसने अपना कवच नहीं पहना था। जिसके कारण काफी चोट जोर से लग रही थी।
वहां अचानक ढेर सारे हिरनी का झुंड आ गया।
मगर ज़्यादा रोने-पीटने का अवसर न था। कफ़न की और लकड़ी की फ़िक्र करनी थी। घर में तो पैसा इस तरह ग़ायब था, जैसे चील के घोंसले में माँस?
भाभी होती तो हँसी मजाक करते हुये खाना बनता और खाया जाता।
अब्दुल काफी परेशान हो गया था , उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह इस शरारत से कैसे बचे।
नैतिक शिक्षा – दोस्त सुख-दुःख के साथी होते है। उनसे प्यार करना चाहिए कोई बात छुपाना नहीं चाहिए।
माधव को भय था, कि वह कोठरी में गया, तो घीसू आलुओं का बड़ा भाग साफ़ कर देगा। बोला- “मुझे वहाँ जाते डर लगता है।”
pyasa kauwa Panchtantra ki kahani in Hindi
शिक्षाप्रद और ज्ञानवर्धक प्रेरक प्रसंग
घोसले में पहुंचकर चिड़िया ने सभी बच्चों को चावल का दाना खिलाया। बच्चों का पेट भर गया, वह सब चुप हो गए और आपस में खेलने लगे।
अब गोपाल को काम करने में और भी मजा आ रहा था , क्योंकि इससे उसकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही थी।
उस दिन मैंने उनके कड़े खोल को टूटते अंदर से नरम नारियल सा दिल देखा । पढ़ें here
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